Desi Kahani Sunahara Jangal | सुनहरे जंगल की देसी कहानी

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Desi Kahani Sunahara Jangal
Desi Kahani – Sunahara Jangal

सुनहरे जंगल की कहानी | Desi Kahani in Hindi

नमस्कार! दोस्तों Desi Kahani में आपका स्वागत है, राहुल अपने परिवार के साथ एक गंगापुर गांव में रहा करता था। वह जंगलों से लकड़ियां काटकर और उन्हें बेचा करता था। वह इसी तरह अपना और अपने परिवार का गुजर बसर करता था। उसका बेटा रवि इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए विदेश गया हुआ था। राहुल रोज सुबह लकड़ी काटने जंगल में जाता था। शाम होने पर वह वापस लौटता है। उसकी गैरहाजिरी में उसकी पत्नी सीमा की तबीयत बहुत खराब हो गई थी।

वह घर पहुंचकर सीमा को आवाज लगाते हुए बोलता है। सीमा आज खाने में क्या बनाया है? फटाफट खाना लगा दो। मुझे बहुत जोर से भूख लगी है। मेरी तबियत ठीक नहीं है और मैं बिस्तर से उठ भी नहीं पा रही हूं। इस वजह से मैंने खाना नहीं बनाया है। आप मुझे डॉक्टर के पास ले चलिए। हरि क्यों क्या तुम्हें? इतना बोलकर राहुल सीमा के सिर पर हाथ रखता है। उसका शरीर भट्टी की तरह तप रहा था। सीमा की सांसे बहुत तेजी से चलने लगी थी। वह अपने सीने पर हाथ रखते हुए हांफने लगी थी। वह थोड़ी देर बाद बेहोश हो जाती है, राहुल जल्द से जल्द उसे हॉस्पिटल लेकर जाता है। 

राहुल की डॉक्टर से बातचीत | Desi Kahani

डॉक्टर उसका चेकअप करते हुए बोलता है। देखिए, आपकी बीवी की कंडिशन बहुत ज्यादा खराब हो रही है। उनके बचने के चांसेज बहुत कम हैं, क्योंकि उन्हें सीवियर हार्ट प्रॉब्लम है। अगर जल्द से जल्द इनका ऑपरेशन नहीं किया गया, तो यह अपनी जान गंवा बैठेगी। ऑपरेशन का कुल खर्चा ₹1 लाख तक पहुंच सकता है। लेकिन डॉक्टर साहब, मैं इतनी बड़ी रकम कहां से लाऊंगा? मैं सिर्फ एक मामूली लकड़हारे हूं। कुछ भी करके आप मेरी पत्नी को बचा लीजिए।

पेशेंट की जान बहुत खतरे में हैं। आप जल्द से जल्द पैसों का बंदोबस्त करिए, तभी हम आगे कुछ कर पाएंगे। उनके लिए स्पेशल डॉक्टर को विदेश से बुलाना पड़ेगा और उनकी फीस बहुत ज्यादा है। यह केस किसी आम डॉक्टर के बस की बात नहीं है। मेरी पत्नी को बचाने के लिए भगवान को भी बुला लो, लेकिन मेरी पत्नी को कुछ होना चाहिए। मैं पैसों का इंतजाम करता हूं। राहुल सोच में पड़ जाता है और वह उदास होकर घर की तरफ जाने लगता है। रास्ते में उसे जंगल से होकर जाना था।

राहुल का साधु से मिलना | Kahani in Hindi

वह रास्ते में चल ही रहा था कि उसे मंत्रों के जाप की आवाज सुनाई देती है। वह आगे की ओर बढ़ता है और एक बड़ी चट्टान पर किसी साधु महात्मा को तपस्या करते हुए देखकर उन्हें हाथ जोड़कर नमन करता है। लेकिन तभी उसकी नजर उनके आसपास पड़ती है, जहां एक सांप उनके कमंडल के इर्द गिर्द घूम रहा था। वह सांप साधु को डसने ही जा रहा था। तभी राहुल सांप को टहनी से दूर कर देता है। सांप वहां से भाग जाता है और इन सबके बीच साधु की तपस्या भंग हो जाती है।

साधु का गुस्सा

वह गुस्से में राहुल को बोलते हैं। तुमने मेरी वर्षों की तपस्या भंग कर दी। मैं तुम्हें तुम्हारी इस गलती के लिए कठोर दंड दूंगा।लेकिन बाबा, मैंने आपकी जान बचाई है और आप मुझे ही दंड दे रहे हो। एक सांप आपके आस पास घूम रहा था, आपको डसने वाला था लेकिन मैंने उसे भगा दिया और आपकी जान बचाई। क्या मेरी जान बचाई। बेटा मुझे गलत फहमी हो गई, मुझे माफ कर दो। मेरी जान बचाने के लिए बहुत – बहुत धन्यवाद। मत कीजिए, आप तो ज्ञानी सेन थे।

आपसे कभी भूल नहीं हो सकती। आप मुझे आशीर्वाद दीजिए कि मैं अपनी जिंदगी की मुसीबतों से लड़ सकूं। क्या बात है बेटा, तुम बहुत परेशान लग रहे हो। बाबाजी मेरी पत्नी की तबीयत बहुत खराब है। वह अस्पताल में एडमिट है। मुझे उसके इलाज के लिए ₹3 लाख चाहिए। पर मेरे पास इतनी बड़ी रकम नहीं है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं अपनी पत्नी की जान कैसे बचें।

बेटा, मैं तुम्हारी इस परेशानी का हल बताता हूं। एक नेक दिल इंसान हूं। मैं तुम्हें ऐसी जगह भेजूंगा, जहां तुम्हें इतनी सारी दौलत नसीब होगी कि तुम इसका हिसाब नहीं कर पाओगे। तुम सुनहरे जंगल में जाओ और वहां की लकड़ियों को काटकर बेच देना। उससे जो भी पैसा मिले, उनका इस्तेमाल अपनी पत्नी के इलाज के खर्च के लिए करना। इतना बोलकर वह साधु वहां से चले जाते हैं और उसकी बातों को मानते हुए राहुल सुनहरे वनों की ओर रुख करता है।

सुनहरे जंगल का मिलना | Desi Kahani

वहां जाकर सुनहरे जंगल को देखकर हैरान रह जाता है। उस जंगल में सभी पेड़, फूल पत्ते, घास फूस सब कुछ सोने का था। हे भगवान! कहीं मैं सपना तो नहीं देख। इतने सारे सोने में सोने की लकड़ियों को बेचकर बहुत पैसा कमा लिया और अपनी पत्नी का इलाज कराऊंगा। उसके मन में अपनी पत्नी को बचाने की एक नई उम्मीद जगती है।

वह अपनी कुल्हाड़ी से सोने के पेड़ों को काटकर उन्हें सुनार की दुकान पर बेच देता है। उसे सोने की लकड़ियों की बहुत मोटी कीमत मिलती है, जिसे लेकर वह अस्पताल की ओर जाता है। अस्पताल के काउंटर पर ऑपरेशन के लिए पैसा जमा कराकर डॉक्टर से मिलता है। डॉक्टर ऑपरेशन की जिम्मेदारी लेते हुए बोलता है। आप चिंता मत कीजिए। आपकी पत्नी को कुछ नहीं होगा। मैंने सीनियर डॉक्टर को फोन करके बुला लिया है। वह किसी भी समय आते ही होंगे।

उसके बाद हम आपकी पत्नी का ऑपरेशन शुरू करेंगे। सबका बहुत बहुत धन्यवाद डॉक्टर साहब। कुछ ही देर में सीनियर डॉक्टर हॉस्पिटल में आता है और सीमा को ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट करने के लिए कहता है। थोड़ी देर बाद नर्स और डॉक्टर मिलकर उसका ऑपरेशन कर देते हैं। ऑपरेशन सक्सेसफुल होने के बाद डॉक्टर राहुल को खुशखबरी देता है। कुछ दिनों में ही सीमा एकदम तंदुरुस्त हो जाती है और उसे हॉस्पिटल से छुट्टी भी मिल जाती है। ऑपरेशन के इलाज के बाद भी राहुल के पास बहुत सारे पैसे बच गए थे। 

रवि की फीस 

एक सुबह राहुल को उसके बेटे रवि का विदेश से कॉल आता है। कैसे हो पापा और मां कैसी हैं? बेटा मैं सही हूं। तेरी मां भी ठीक है। पापा को कॉलेज की फीस के लिए कुछ पैसे चाहिए थे। आप दो दिन में भिजवा दीजिए, क्योंकि परसों आखिरी डेट है। फीस भरने की। कितनी फीस रह गई है तेरी? पापा वही कुछ ₹40,000। तू चिंता मत कर। मैं कल ही तेरे अकाउंट में पैसे भिजवा देता हूं। बस अपना मन लगाकर अच्छे नंबरों से पास होना और इंजीनियर बनकर यहां आना। तेरी मां बहुत खुश होगी। हां पापा, बस तीन महीने बाद वापस घर लौटा हूं। अच्छा फोन रखता हूं आप। पापा मेरी क्लास का समय हो रहा है। ठीक है।

फोन रखकर दोबारा राहुल सुनहरे जंगल में जाता है और वहां से कुछ सोने की पेड़ को काटकर लाता है, और उसे सुनार को बेचकर जो पैसे मिलते हैं, उनमें से राहुल ₹50,000 लाख रवि के अकाउंट में डलवा देता है। रवि फीस भरकर अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने लगता है।

राहुल बचे हुए पैसों से राहुल गरीबों की मदद करता है व उनके लिए खाने की चीजें कपड़े दान में बांटने लगता है। अब राहुल के घर में सिर्फ खुशियां ही गूंज रही थी। तीन महीने बाद रवि घर लौटता है जिसे देख सीमा और राहुल उस पर बहुत गर्व करते हैं। राहुल हमेशा उस साधु महात्मा और सुनहरे जंगल का शुक्रिया अदा करता है, क्योंकि अगर आज सुनहरा जंगल न होता तो आज सीमा उसके साथ न होती और उसका बेटा आज इंजीनियर न बनता। अब राहुल खुशी खुशी अपनी आगे की जिंदगी बिताता है। 

निष्कर्ष
दोस्तों आपको Desi Kahani सुनहरे जंगल की अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ साझा करना ना भूले, ऐसी कहानियों को पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट पर विजिट करते रहे।

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